17सूत्रीय से सभी बिरादरी का सपना होगा साकार-करतार सिंह भड़ाना.
फरीदाबाद: 17 सूत्रीय संघर्ष समिति के मुखिया पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर हरियाणा सरकार करतार सिंह भड़ाना ने हथीन विधानसभा और मेवात से आए हुए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि 17 सूत्रीय प्रदेश के हर बिरादरीयों का सपना साकार करेगी। बड़ी संख्या में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह तो मैया से कहते हैं की मौज न दे तो किसी को दुख ना देना। लोगों को आवश्यक जन सुविधाओं के वास्ते कभी तड़पना ना पड़े। उन्होने कहा कि सभी मांगे आपके सहयोग से ही संभव है। भीड़ जुटाना मेरा कोई मकसद नहीं है। हरियाणा के लोगों को जो चाहिए उन्होंने उसी मुहिम की शुरुआत की है।हमें इसमें कोई राजनीति नहीं करनी है। हरियाणा जो दिल्ली के तीन तरफ से लगती है सरकार चाहे तो बड़ी ही आसानी से उसे लागू कर पूरे हरियाणा में रामराज्य ला सकती है । लोगों को संबोधित करते हुए श्री भड़ाना ने कहा कि जनमानस की हक की लड़ाई को जीत लिया तो मर कर भी सदा आपके बीच जिंदा रह जाऊंगा। उन्होंने कहा कि आठवी पास बच्चियों को शादी होने तक रुपया 6000 प्रतिमाह दिला कर “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का सपना साकार होगा। इस मौके पर आए हुए अनेक लोगों ने कहा कि प्रदेश में आज बहुत सारी कुरीतियां है। शिक्षा, चिकित्सा का एक प्रकार से पूर्ण रूपेण व्यवसायीकरण होते जा रहा है। यह मुहिम चलाकर पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर हरियाणा सरकार श्री भड़ाना ने हरियाणा की जनमानस की सुधि लेकर अत्यंत ही सराहनीय कार्य किए हैं। अनेक लोगों ने कहा कि लोगों को उनका हक नहीं मिल रहा है। पानी जैसे आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के वास्ते रुपये खर्च करने पर रहे हैं। सरकार को जगाने के लिए 17 सूत्रीय तारीफे काबिल है। मेवात से आए हुए लोगों ने कहा कि आमजन के हित के लिए किसी ने आज तक ऐसी पहल नहीं की है। यह आंदोलन तो पूरे देश में चलाने की जरूरत है। 17सूत्रीय में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है। सरकार जनहित के ऊपर ध्यान नहीं देती है। 21वीं सदी में भी आज भी लोग आवश्यक जन सुविधा के वास्ते तड़प रहे हैं। मेवात देश का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। श्री भड़ाना के कार्यों की प्रशंसा करते हुए अनेक लोगों ने कहा कि मुहिम को बल देने के लिए वह 17 सूत्रीय संघर्ष समिति के मुखिया पूर्व कैबिनेट मिनिस्टर करतार सिंह भडाना जी के साथ है। क्योंकि सरकार हर तरफ से जनता को अहित कर रही है। सरकारी विभागों में पद रिक्त हैं। तो दूसरी ओर बेरोजगारी का जो आलम है वह आज किसी से छिपी नहीं है।